II गले में नागो की माला जट्टो में गंगा जी की
धारा महादेवा II
II भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा II
II शम्भू कैसे करूं मैं तेरी सेवा II
II दिल करता है जल मैं चडाऊ, जल लेने को नदियों में जाऊ II
II नदिया देने को तेयार मछली करती है इनकार महादेवा II
II भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा, शम्भू कैसे करूं मैं तेरी
सेवा II
II दिल करता है दूध मैं चडाऊ, दूध लेने को
गॊशाला जाऊ II
II गैया देने को तेयार बछड़ा करता है इनकार महादेवा II
II भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा, शम्भू कैसे करूं मैं
तेरी सेवा II
II दिल करता है फूल मैं चडाऊ, फूल लेने को बागो में
जाऊ II
II फूल आने को तेयार भंवरा करता है इनकार महादेवा II
II भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा, शम्भू कैसे करूं मैं
तेरी सेवा II
II दिल करता है फल मैं चडाऊ, फल लेने को बागो
में जाऊ II
II फल आने को तेयार तोता करता है इनकार महादेवा II
II भोले कैसे करूं मैं तेरी सेवा, शम्भू कैसे करूं मैं
तेरी सेवा II
एम्. एस्. ईशवरन्
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